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वीरांगना चेन्नम्मा - 9 वीं कक्षा की तीसरी भाषा हिंदी पाठ्यपुस्तक प्रश्नावली

वीरांगना चेन्नम्मा 

अभ्यास
 
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :

1. चेन्नम्मा का जन्म किस वंश में हुआ था ?
उत्तर: चेन्नम्मा का जन्म काकतीय वंश में हुआ था।

2. चेन्नम्मा शब्द का अर्थ क्या है ?
उत्तर: चेन्नम्मा शब्द का अर्थ सुंदर कन्या है।

3. कित्तूर कहाँ है ?
उत्तर: कित्तूर कर्नाटक राज्य के उत्तरी बेलगावी जिले में है।

4. चेन्नम्मा का विवाह किसके साथ हुआ ?
उत्तर: चेन्नम्मा का विवाह राजा मल्लसर्ज के साथ हुआ।

5.शिवलिंग रुद्रसर्ज ने किसको गोद लिया था ?
उत्तर: शिवलिंग रुद्रसर्ज ने अपने एक संबंधी गुरुलिंग मल्लसर्ज को गोद लिया था।

6. चेन्नम्मा को अंग्रेजों ने कहाँ बंदी बनाया था ?
उत्तर: चेन्नम्मा को अंग्रेजों ने बैलहोंगला के दुर्ग के कारागार में बंदी बनाया था।

II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :

1. चेन्नम्मा के माता और पिता का नाम लिखिए।
उत्तर: चेन्नम्मा के माता का नाम पद्मावती और पिता का नाम धूलप्पा देसाई था।

2. चेन्नम्मा को इनके कौन-सी कलाएँ प्राप्त हुई थी?
उत्तर: चेन्नम्मा को पिता से घुडसवारी, शस्त्रास्त्रों का अभ्यास, आखेट आदि युद्ध कलाएँ उत्तराधिकार के रूप में मिली थी।

3. कित्तूर राज्य की समृद्धि के बारे में लिखिए।
उत्तर: कित्तूर कर्नाटक राज्य के उत्तरी बेलगावी जिले में है। उन दिनों कर्नाटक राज्य के व्यापार का प्रसिद्ध केंद्र भी था। देश-विदेश के व्यापारी वहाँ के बाजारों में हीरे-जवाहराते खरीदने के लिए आया करते। थे।

4. कित्तूर का पतन शुरु होने का कारण क्या था ?
उत्तर: राजा मल्लसर्ज की मृत्यु के बाद चेन्नम्मा ने रुद्रम्मा (राजा मल्लसर्ज की पहली पत्नी) के पुत्र शिवलिंग रुद्रसर्ज को गद्दी पर बिठाया। शिवलिंग रुद्रसर्ज ने चेन्नम्मा की सलाह को हवा में उडाकर चाटुकारों से गहरी मित्रता करली, जिससे कित्तूर का पतन शुरु हुआ।

5. येल्लप्पशेट्टी और वेंकटराव कित्तूर के भेद खोलने क्यों तैयार हो गये ? उत्तर:
येल्लप्पशेट्टी और वेंकटराव कित्तूर के भेद खोलने के लिए इसलिए तैयार हो गए क्योंकि थैकरे ने उन्हें कित्तूर का आधा – आधा राज्य सौंप देने की लालच दिखायी।

6. कर्नाटक की जनता के लिए गर्व की बात क्या है ?
उत्तर: कर्नाटक की वीरांगना चेन्नम्मा ने पहली बार स्वतंत्रता की जो चिंगारी डाली थी, वह बाद में पूरे भारत में फैल गई। कर्नाटक की जनता के लिए यह गर्व की बात है।

III. इन शब्दों का विलोम शब्द पाठ में से ढूंढकर लिखिए :

1. अस्वस्थ
2. कुरूप
3. देश
4. शत्रुता
5. बाहर
6. देशभक्त
7. कायर
8. पराजय
उत्तर:
1. अस्वस्थ x स्वस्थ
2. कुरूप x सुंदर
3. देश x विदेश
4. शत्रुता x मित्रता
5. बाहर x अंदर
6. देशभक्त x देशद्रोही
7. कायर x वीर
8. पराजय x जय

IV. अन्य लिंग शब्द लिखिए :

1. पिता
2. रानी
3. पुत्री
4. बाप
5. दादा
6. शेरनी
उत्तर:
1. पिता – माता
2. रानी – राजा
3. पुत्री – पुत्र
4. बाप – माँ
5. दादा – दादी
6. शेरनी – शेर

V. जोडी मिलाइए :

1. चेन्नम्मा का जन्म सन् 1829
2. चेन्नम्मा की खोक से छ गवर्नर-जनरल
3. शिवलिंग द्रसर्ज की मृत्यु सन् 1778
4. डालहौसी सन् 1824
5. अम्मा की जीवन ज्योति झी शिवबसवराज
उत्तर:
1. चेन्नम्मा का जन्म सन् 1778
2. चेन्नम्मा की खोक से छ शिवबसवराज
3. शिवलिंग द्रसर्ज की मृत्यु सन् 1824
4. डालहौसी गवर्नर-जनरल
5. अम्मा की जीवन ज्योति झी सन् 1829

VI. अनेक शब्द के लिए एक शब्द लिखिए : जैसे : एक से ज्यादा भाषा जाननेवाला – बहुभाषी

1. सामान खरीदना एवं बेचना ________
2. झूठी प्रशंसा करनेवाले ________
3. जिनका कोई संतान न हो ________
4. देश के प्रति द्रोह करनेवाला ________
5. जो परिचित न हो . ________
6. स्वयं को समर्पित करना ________
उत्तर:
1. सामान खरीदना एवं बेचना – व्यापार
2. झूठी प्रशंसा करनेवाले – चाटुकार
3. जिनका कोई संतान न हो – निःसंतान
4. देश के प्रति द्रोह करनेवाला – देशद्रोही
5. जो परिचित न हो . – अपरिचित
6. स्वयं को समर्पित करना – समर्पण

VII. पुराने समय में युद्ध करने के लिए तलवार, भाले, तीर-कमान आदि शस्त्रास्त्रों का उपयोग होता था। अब आप तीन वाक्यों में लिखिए कि अगर आजकल युद्ध होता है तो किस प्रकार की चीजों का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर: आजकल युद्ध होता है तो परमाणु बंभ, मिसाईल, क्षीपणी, हायड-जिन बंभ, AK 47, न्युक्लीयर बंभ, जैसे आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल युद्ध में किया जाता है। कभी कभी रिमोट कंट-ल द्वारा उपयोग करनेवाले डोन तथा मानव रहित हवाई जहाज का प्रयोग किया जाता है। जो विश्व के लिए हानिकारक है और मानव जाती एवं धरती का नाश होना तय हैं।

IX. कन्नड में अनुवाद कीजिए :

1. कित्तूर कर्नाटक राज्य के उत्तरी बेलगावी जिले में है |
उत्तर: ಕಿತ್ತೂರು ಕರ್ನಾಟಕ ರಾಜ್ಯದ ಉತ್ತರ ಭಾಗದ ಬೆಳಗಾವಿ ಜಿಲ್ಲೆಯಲ್ಲಿದೆ.
2. अंग्रेज गोद लिये पुत्र को उत्तराधिकारी नहीं मानते थे।
उत्तर: ಅಂಗ್ರೇಜರು ದತ್ತು ಪುತ್ರನನ್ನು ಉತ್ತರಾಧಿಕಾರಿ ಎಂದು ಪರಿಗಣಿಸುತ್ತಿರಲಿಲ್ಲ.
3. चेन्नम्मा ने भीतर ही भीतर तैयारी आरंभ कर दी।
उत्तर: ಚೆನ್ನಮ್ಮ ಒಳಗೊಳಗೇ ತಯಾರಿ ಶುರು ಮಾಡಿದಳು.
4. कित्तूर स्वतंत्र राज्य है।
उत्तर: ಕಿತ್ತೂರು ಸ್ವತಂತ್ರ ರಾಜ್ಯ.
5. चेन्नम्मा के पीछे दो हजार योद्धा थे।
उत्तरः ಚೆನ್ನಮ್ಮನ ಬೆಂಗಾವಲಿಗೆ ಎರಡು ಸಾವಿರ ಯೋಧರು ಇದ್ದರು.
6. अंग्रेजों को दुबारा हार माननी पडी।
उत्तर: ಅಂಗ್ರೇಜರಿಗೆ ಎರಡನೇ ಸಲವೂ ಸೋಲು ಒಪ್ಪಿಕೊಳ್ಳಬೇಕಾಯಿತು.

XI. इस पाठ में आये हुए सभी पात्रों की सूची बनाइए और उनके बारे में एक-एक वाक्य लिखिए :

1. चेन्नम्मा
2. धूलप्पा देसाई
3. राजा मल्लसर्ज
4. रुद्रम्मा
5. शिवलिंग रुद्रसर्ज
6. डालहौसी
7. येल्लप्प शेट्टी और वेंगटराव
8. थैकरे
उत्तर:
1. चेन्नम्मा – कर्नाटक की एक वीरांगना थी।
2. धूलप्पा देसाई – चेन्नम्मा के पिताजी तथा दशभक्ति का परिचय चेन्नम्मा को कराया।
3. राजा मल्लसर्ज – कित्तूर राज्य के राजा और । चेन्नम्मा के पति थे.
4. रुद्रम्मा – मलसर्ज की पहली पत्नी और चेन्नम्मा की सौतन, (बहन).
5. शिवलिंग रुद्रसर्ज – रुद्रम्मा और मल्लसर्ज के पुत्र तथा कित्तूर के युवराज
6. डालहौसी – अंग्रेज शासन के गवरनर जनरल थे।
7. येल्लप्प शेट्टी और वेंगटराव – चेन्नम्मा के दरबार में थे किन्तु अंग्रेजों के सैनिकों से मिलकर देशद्रोही बने। लालची बने।
8. थैकरे – चेन्नम्मा के विरुद्ध चाल चली, अंग्रेज सैनिक के सेनापति एवं कित्तूर को युद्ध में हरा दिया।

XIII.अनुरूपता :

1. चेन्नम्मा के पिता : धूलप्पा देसाई :: चेन्नम्मा की माता _______
2. चेन्नम्मा के पति : मल्लसर्ज :: चेन्नम्मा का पुत्र : _______
3. गुरुसिद्दप्प : कुशल दीवान :: चेन्नबसप्पा : _______
4. 1778 : चेन्नम्मा का जन्म :: 1829 : _______
उत्तर:
1. चेन्नम्मा के पिता : धूलप्पा देसाई :: चेन्नम्मा की माता : पद्मावती
2. चेन्नम्मा के पति : मल्लसर्ज :: चेन्नम्मा का पुत्र : शिवबसवराज
3. गुरुसिद्दप्प : कुशल दीवान :: चेन्नबसप्पा : वीर योद्धा
4. 1778 : चेन्नम्मा का जन्म :: 1829 : चेन्नम्मा की जीवन ज्योति बुझी

वीरांगना चेन्नम्मा 
वीरांगना चेन्नम्मा पाठ का सारांश –
चेन्नम्मा का जन्म काकतीय वंश में मन 1778 में हुआ था। पिता धूलप्पा देसाई तथा माता पद्मावती। यह इक लौती संतान थी। चेन्नम्मा का अर्थ सुंदर कन्या। वीर पिता से उत्तधिकार के रूप में अनेक युद्ध कताएँ, घुडसवारी, शस्त्रीखों का अभ्यास आखेट आदि मिली थी। शिक्षा – दीक्षा राजकुल के अनुरूप हुई। उर्दू, मराठी, संस्कृत भाषाओं का अध्ययन किया। कर्नाटक राज्य में बेलगावी जिले में कित्तूर स्थापित है। उन दिनों व्यापार का प्रमुख केंद्र कित्तूर जाना जाता था। हीरे-जवाहरात खरीदने के लिए देश-विदेश के व्यापारी आते थे।
वहाँ के प्रजावत्सल राजा मल्लसर्ज थे। चेन्नम्मा का विवाह राजा मल्लसर्ज से हुआ। रानी चेन्नम्मा और मल्लसर्ज का पुत्र शिवबसवराज था। लेकिन वह बचपन में ही चल बसा। राजा मलुसर्ज की पहली पत्नी का। नाम रुद्रम्मा था। उसका पुत्र शिवलिंगरुद्रसर्ज था। पूना के पटवर्धन ने मल्लसर्ज राजा को चालाकी से बंदी बनालिया। वहीं उनकी मृत्यु हो गई। चेन्नम्मा ने राजा मल्लसर्ज के मृत्यु के बाद शिवलिंग रुद्रसर्ज को गद्दी पर बिठाया। शिवलिंग रुद्रसर्ज अपने चाटुकारों से मित्रता कर कित्तूर को हानि पहुँचाई। 11 सितंबर 1824 को राजा शिवलिंग रुद्रसर्ज की मृत्यु के बाद अंग्रेजों ने कित्तूर राज्य हडपने की योजना बनाई। राजा नि:संतान था इसलिए उसने अपने एक संबंधी से गुरुलिंगमलुसर्ज को गोद लिया था। उस समय डालहौसी गवर्नर था। अंग्रेज गोद लिए पुत्र को उत्तराधिकारी नही मानते थे। 
रानी ने कित्तूर को सँभालने की कसम खाई। अंग्रेजों से युद्ध करने के लिए रानी ने तैयारी शुरु कर दी। थैकरे के साथ रानी ने अपनी स्वाधीनता का सौदा नहीं किया। कित्तूर राज्य के देशद्रोही येल्लप्पशेट्टी और वेंकटराव अंग्रेजों से मिल गए। उन्होंने कित्तूर के साथ गद्धारी की। अंग्रेजों ने उनको आधा-आधा राज्य सौंप देने का लालच दिखाया। चेन्नम्मा ने थैकरे के पत्र को फाँडकर फेंक दिया जिसमें कित्तूर राज्य का शासनभार संभालने की बात कहीं गई थी। रानी ने थैकरे को करारा जवाब दिया। कित्तूर पर थैकरे ने 500 सिपाहियों के साथ हमला किया। लेकिन रानी डरी नहीं। उसने वीर सैनिकों को युद्ध करने के लिए प्रोत्साहित किया।
थैकरे ने बीस मिनट में रानी को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। रानी चेन्नम्मा शेरनी की तरह टूट पडी। उनके दो हजार योद्धा थे। अंग्रेजों की सेना डर गई। थैकरे मारा गया। रानी ने बंदी अंग्रेज अफसरों के साथ उदारता का व्यवहार किया और उन्हें छोड दिया गया। लेकिन अंग्रेजोंने कित्तूर पर दोबारा आक्रमण किया। उन्होंने इसबार अधिक शक्ति के साथ और अधिक सेना के साथ आक्रमण किया और रानी को बंदी बनाया। चेन्नम्मा बेलहोंगला के दुर्ग में बंदी हो गई। वहाँ 2 फरवरी 1829 को उनकी मृत्यु हो गई। कर्नाटक की वीरांगना रानी चेन्नम्मा ने स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन त्याग दिया। चेन्नम्मा जैसी वीर महिला के कारण कर्नाटक गर्व महसूस करता है।

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